🏙️ Smart Cities Mission (2015–2025)
भारत सरकार ने 25 जून 2015 को यह महत्वाकांक्षी पहल शुरू की, जिसमें 100 शहरों को स्मार्ट, टिकाऊ और नागरिक-केंद्रित बनाया गया। इसका मकसद शहरों को आधुनिक युग के अनुकूल करना—बेहतर जीवन, स्वच्छता, ट्रैफिक, वेस्ट मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी के साथ।
📊 अब तक की प्रगति (मार्च 2025 तक)
- 8,067 परियोजनाओं में से 7,555 (~94%) पूर्ण, कुल निवेश ₹1.64 लाख करोड़।
- 512 परियोजनाएँ ₹14,239 करोड़ की लागत पर चालू हैं।
- केवल 18 शहरों (आगरा, वारणसी, मदुरै, पुणे, सूरत आदि) ने सभी परियोजनाएँ पूरी कीं।
- सभी 100 शहरों में ICCC (Integrated Command & Control Centres) स्थापित।
🔍 चुनौतियाँ और मुख्य दिक्कतें
- भूमि अधिग्रहण, कानूनी अड़चनें और टेंडर प्रक्रिया में देरी।
- छोटे शहरों में संसाधन और मानव शक्ति की कमी।
- SPV मॉडल पारदर्शी लेकिन नागरिक भागीदारी सीमित बनी रही।
- डेटा-आधारित निगरानी (AI/IoT आधारित ICCC) और अधिक जरूरी बनी।
🏅 प्रमुख सफलताएँ
- सूरत: AI-ICCC + 4,300+ CCTV से पोटहोल और जलभराव की जानकारी।
- लुधियाना: ₹5.82 करोड़ आल-वेदर पूल एवं ₹7.39 करोड़ C&D प्लांट स्थापित।
- दिल्ली: ₹100 करोड़ अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग — सुरक्षा और सौन्दर्य में सुधार।
- चेन्नई: ₹3,444 करोड़ के निवेश से स्मार्ट वाटर, ऊर्जा और मोबिलिटी संरचनाएं।
🔗 महत्वपूर्ण लिंक और बटन
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